निदेशालय एवं जिला उद्योग केन्द्रों की अवस्थापना सुविधाओं का आधुनिकीकरण/उच्चीकरण
अ- जिला उद्योग केन्द्र भवनों का निर्माण :-
प्रदेश के सभी 75 जिलों में उद्यमियों की सुविधार्थ जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय स्थापित हैं, परन्तु 6 नवसृजित जिलों बागपत, जे0वी0नगर, अमेठी, हापुड़, अमरोहा एवं सम्भल में जिला उद्योग केन्द्र के कार्यालय का संचालन अपने भवन में नहीं हो रहा है।
वर्ष 2014-15 हेतु स्वयं के कार्यालय भवन विहीन जिलों में से दो जनपदों बलरामपुर एवं कासगंज में कार्यालय भवन निर्माण हेतु आगणन प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए, जिसमें रू0 120.00 लाख का प्रावधान किया गया। प्राविधान धनराशि में से गौतमबुद्धनगर के कार्यालय भवन के अवशेष कार्यो को पूर्ण कराने हेतु रू0 12.43 लाख वित्तीय वर्ष 2014-15 में शासनादेश संख्या 397/18-2-2014-30(6)/2008, दिनांक 18.07.2014 द्वारा प्रदान किया गया। 120.00 लाख के सापेक्ष अवशेष धनराशि 107.57 लाख की वित्तीय स्वीकृति जनपद-कौशाम्बी (35.86 लाख), कासगंज (35.86 लाख) एवं बलरामपुर (35.85 लाख) के जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय भवन निर्माण हेतु की गयी।
वर्ष 2015-16 में योजनान्तर्गत निर्माणधीन कार्यालय भवन क्रमश: जिला उद्योग केन्द्र, संतकबीरनगर, कौशाम्बी, कासगंज एवं बलरामपुर के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु अनुपूरक प्रस्ताव के माध्यम से कुल रू0 163.82 लाख का प्रावधान किया गया, जिसकके सापेक्ष जिला उद्योग केन्द्र, संतकबीरनगर हेतु अवशेष रू0 26.73 लाख का आवंटन किया जा चुका है, शेष तीन जनपदों क्रमश: कौशाम्बी, कासगंज एवं बलरामपुर हेतु क्रमश: रू0 55.12, 48.08 एवं 33.89 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी किया जाना विचारधीन है।
ब- जिला स्तर पर सिंगल टेबुल योजना :-
प्रदेश के औद्योगिक विकास में तीव्रता लाने एवं अनुकूल वातावरण सृजित करने, उद्यमियों की जिज्ञासाओं व समस्याओं को विभिन्न सम्बन्धित विभागों से निराकरण कराने एवं स्वीकृतियॉ प्रदान कराने इत्यादि को दृष्टिगत रखते हुए एकल मेज व्यवस्था के कार्यान्वयन का गठन शासन द्वारा किया गया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला उद्योग बन्धु की बैठकें उद्यमियों की समस्याओं का समाधान कराने तथा एकल मेज व्यवस्था के अन्तर्गत समय से स्वीकृतियाँ जारी कराने के लिए प्रत्येक माह की जाती हैं। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु बैठकों के लिए सूचनायें, डाक व्यय, एजेण्डा नोट्स, कार्यवृत्त एवं सन्दर्भो आदि के लिये प्रत्येक माह व्यय हेतु धनराशि की आवश्यकता होती है। यह योजना प्रदेश के समस्त जिलों में चलायी जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में उक्तांकित योजना के कार्यान्वयन हेतु रू0 54.00 लाख की स्वीकृति शासन से प्राप्त हुई थी, जिसका आवंटन प्रदेश के समस्त 75 जिला में किया जा चुका है। विगत 03 वर्षो की भौतिक प्रगति निम्नवत् है:-
वर्ष |
कुल प्राप्त आवेदन-पत्र |
निस्तारित आवेदन-पत्र |
2012-13 |
50246 |
50101 |
2013-14 |
68152 |
68149 |
2014-15 |
85089 |
84987 |
2015-16 (Till 31 December, 2015) |
56098 |
55984 |
वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी योजना का क्रियान्वयन प्रस्तावित है।
उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रदेश में बढ़ती हुई बेराजगारी को दृष्टिगत रखते हुए औद्योगिक विकास को गति देने तथा बेरोजगार शिक्षित/प्रशिक्षित एवं तकनीकी (कुशल/अकुशल) व्यक्तियों को अपना उद्यम स्थापित करने हेतु स्वरोजगार उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिकोण से यह योजना संचालित की जा रही है।
औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने तथा उनके सुगमतापूर्वक संचालन के लिए उद्यमियों को सभी प्रकार की जानकारी हो इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप उद्यमकर्ता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उद्यमियों को प्रशिक्षण देकर उद्योग स्थापित करने हेतु प्रेरित किया जाता है। यह योजना जिला स्तर पर चलायी जा रही है।
वर्षवार योजना की प्रगति का विवरण निम्न प्रकार है :-
वर्ष |
बजट स्वीकृत (लाख रू0 में) |
व्यय |
आयोजित शिविर |
प्रशिक्षार्थियों की संख्या |
लक्ष्य |
उपलब्धि |
लक्ष्य |
उपलब्धि |
|
|
|
2012-13 |
06.00 |
06.00 |
110 |
110 |
4800 |
4800 |
2013-14 |
06.00 |
06.00 |
96 |
96 |
4080 |
4080 |
2014-15 |
06.00 |
06.00 |
110 |
110 |
4800 |
4800 |
2015-16 (31दिसम्बर, 2015 तक) |
06.00 |
06.00 |
110 |
50 |
4800 |
1800 |
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी योजना का क्रियान्वयन प्रस्तावित है।